रस का प्याला

म से मंदिर और

म से मदिरालय


स्थल ओतप्रोत 

रस से दोनों 


किंतु बिखरते धाम

 मदिरालय से 


मदिरालय जाने वाले

डरते मंदिर जाने से 


है ज्ञात उन्हें सोमरस पर

भारी रस भक्ति का


मदिरालय जाने वालों

मंदिर जाकर तो देखो


भक्ति रस का प्याला

पीकर के तो देखो


प्रेम नारायण से

करके तो देखो


सालों जिए अपने लिए

नारायण के लिए जी कर तो देखो


रास ना आए

संग नारायण का


पलट जाना तब

पुनः अपने मदिरालय को ।।





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