वंदन

 हाथ जोड़ करती हूँ वंदन

स्वीकार करो माँ मेरा नमन


विराजित तुम हंस पर होती

वीणा कर में धारण करती

सुशोभित श्वेत वस्त्र में होती


ज्ञान की देवी कहते तुमको

दे विद्या का वर हम सबको

कृतार्थ करो माँ तुम हमको


स्वीकार करो माँ 

मेरा नमन ॥




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