छठी गीत
रो रो बिताऊँ मैं सारी रतिया
मनाऊँ कैसे लाला की छठिया
लूँ मैं लालन की कैसे बलैयाँ
उतारूँ मैं कैसे उनकी नज़रिया
पड़ी हाथों में मेरे हथकड़ियाँ
मनाऊँ कैसे लाला की छठिया
सजाऊँ कैसे छठी की थलिया
खिलाऊँ कैसे माखन मिसिरिया
पहरे में बैठी सोचे है मइया
मनाऊँ कैसे लाला की छठिया
बाँटे बाबा कैसे मोहरिया
गाऊँ मैं भी कैसे सोहरिया
नैनों से बरसे है पनिया
मनाऊँ कैसे लाला की छठिया॥
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