देव दीपावली

 सजा दो आज काशी को कि सारे देव आए हैं

देव आए हैं जलाने दीप आएँ हैं।

चिर निद्रा पूर्ण कर देव सारे आज जागे हैं

निद्रा पूर्ण कर स्नान करने

देव आएँ हैं

 देव आए हैं जलाने दीप आएँ हैं 

सजा दो आज काशी को कि सारे देव आएँ हैं।

त्रिपुरासुर का वध कर शिव त्रिपुरारी कहाए हैं

तभी तो देव मिल सारे

 जलाने दीप आएँ हैं

सजा दो आज काशी को कि सारे देव आएँ हैं

बिछा दो फूल राहों में चुभे ना पाँव में काँटे

झुका दो शीश चरणों में

कि सारे देव आए हैं

देव आएँ हैं जलाने दीप आएँ हैं

सजा दो आज काशी को कि सारे देव आएँ हैं

देव आए हैं जलाने दीप आएँ हैं






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