नि:शब्द संघर्ष
कितनी पीड़ा में रही होगी
जब तुमने ये कदम उठाया होगा
काश तुमने एक बार साझा की होती
अपनी मानसिक वेदना को।
कितनी पीड़ा में रही होगी
जब तुमने ये कदम उठाया होगा
जिंन्दगी एक रंगमंच है
बखूबी निभाया अपना किरदार
कि हम सब भी ना समझ सके
तुम्हारी मानसिक वेदना को।
कितनी पीड़ा में रही होगी
जब तुमने ये कदम उठाया होगा।
शायद तुम्हें भी सिखाया गया होगा
जहाँ डोली जाए वहीं से अर्थी उठने की रीति
वह रीति तुम निभा गई
कितनी पीड़ा में रही होगी
जब तुमने ये कदम उठाया होगा।
काश यह रीति ना निभाती
हम दोस्तों को पीड़ा बताती
कुछ तो समझते कुछ तो करते
यूँ ना तुमको हारने देते ।
कितनी पीड़ा में रही होगी
जब तुमने ये कदम उठाया होगा।
Very touching n emotional
ReplyDeleteSensitively written 👍
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