मोहब्बत
मुझे है तुमसे मोहब्बत
मोहब्बत की है गुनाह नहीं ।
फिर क्यों ना सबको बता दूँ कि
कि मुझे है तुमसे मोहब्बत।
जब पहली बार दीदार हुआ था
अपनी ख़ुश्बू से मुझे आग़ोश में लिया था
मैं तड़प उठी थी उसी समय
तुमको अपने अधरों से लगाने को।
पर तुमने मुझको नकार दिया था
अभी तो छोटी बच्ची हो
यह कहकर टाल दिया था
मैं भी तब ठहर गई थी।
पर जब- जब तेरा दीदार होता
मन मेरा बेचैन होता
जान ना पाई, पहचान ना पाई
कि यही तो है मोहब्बत ।
धीरे- धीरे हम दोनों का मिलन हुआ
नियत समय पर मिलना तय हुआ
प्रारंभ में हम तीन ही मिलते थे
ना मिलने पर बेचैनी का अनुभव करते थे
तब भी ना जानी यह तो है मोहब्बत की निशानी।
कितनों के संग तुम्हें साझा किया है
फिर भी ना मन में कड़वाहट है
ना कोई शिकायत
क्योंकि यही तो है सच्ची मोहब्बत।
मोहब्बत का होता है दुश्मन ज़माना
यह सच भी आज ही मैंने है जाना।
हमको जुदा करने को बैठें हैं डॉक्टर तैयार
हर मोहब्बत करने वाले ने दी है परीक्षा
मैं भी दे दूँगी ।
जब भीषण गर्मी में, तुम्हारे और प्रेमी हुए थे बेवफा
तब भी ना कर पाई मैं बेवफ़ाई
मोहब्बत की है तो बस तुमसे, तुमको ना छोड़ूँगी
चार-पाँच घूँट चाय प्रतिदिन पीती हूँ
मरते दम तक पीती रहूँगी।
क्योंकि मैंने अब जान लिया है
कि हाँ, मुझे तुमसे ही है मोहब्बत।
Wah re chai ki deewangi. Ab to iska ant hi nahi aur tum ho gayee uski. Ek din wo Tajmahal banwa hi dega
ReplyDelete😀🙏
Deleteआदत नहीं कुछ , लाइलाज बीमारी है,
ReplyDeleteचाय से मेरी कुछ इस कदर यारी है.
वाह, वाह
DeleteWah, majedaar rachna. Chai cheese hi aise hai.
ReplyDeleteAnand Singh Bisht, Lucknow
🙏
Deleteइतना टूट कर कोई इनसे मोहब्बत करता है अब जाना 😃
ReplyDelete😀🙏मोहब्बत करो तो ऐसी कि दुनिया मिसाल दे
DeleteShocking ending😂
ReplyDeleteNice poem👍
Nice poem aunty 👌
ReplyDeleteSo beautiful 🤩
ReplyDelete🙏
Deleteवाह।मस्त
ReplyDelete🙏
Delete🙏
DeleteBahut hee khoob
ReplyDeleteWaaaah re Deevaanapan
🙏
Deleteमान लीजिए मेरी एक राय,
ReplyDeleteइश्क़ से बेहतर है #चाय