सपने

अजीब होते हैं सपने

कभी डरावने,कभी सुहावने

कब कौन चुपके से आकर मन खुश कर जाए

और कब कौन रुला कर चला जाए

कब किस बात पर रुला दे , कब हँसा दे

कब एक देस से दूसरे देस पहुँचा दे

कब बिछड़ों से मिला दे कब वियोग का दुख दे दे

वाकई बहुत अजीब होते हैं सपने।

कब हिम्मत बढ़ा दे कब घटा दे

कब डर से थर थराहट पैदा कर दे

किसी का इस पर जोर नहीं

वाकई बहुत अजीब होते हैं सपने।



Comments

  1. सच में।
    बड़े अजीब होते हैं सपने
    कभी पराए तो कभी अपने

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    2. आपकी हौसलाअफजाई बहुत हिम्मत बढ़ाती है

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    3. This comment has been removed by the author.

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  2. बहुत बढ़िया। सपने की सही व्याख्या 👍

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