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Showing posts from October, 2025

आ रहे हैं श्री राम

सज गया अयोध्या धाम  गा रहे सब मंगल गान  नगर में /अवध में आ रहे हैं श्री राम  चौदह वर्ष वन में बिताया रावण वध कर मान बढ़ाया  सिया लखन संग लौटे धाम अवध में आ रहे हैं श्री राम  सज गया अयोध्या धाम  गा रहे मंगल गान  नगर में/अवध में आ रहे हैं श्री राम  सुन खबरिया माॅं हर्षाईं / मुस्काईं आरती थाल सजा कर लाईं देख  भरत - शत्रुघ्न निहाल अवध आ रहे हैं श्री राम सज गया अयोध्या धाम  गा रहे सब मंगल गान  अवध में / नगर में आ रहे हैं श्री राम  कोयल कूके मोर इतराएं वन-उपवन पुष्प बरसाएं  नर - नारी सब करें प्रणाम  अवध में/ नगर में आ रहे हैं श्री राम ।। सज गया अयोध्या धाम  गा रहे सब मंगल गान  अवध में / नगर में आ रहे हैं श्री राम।।

दिव्य कुंभ

 ये दिव्य कुंभ है , भव्य कुंभ है , महाकुंभ है अपना इसमें स्नान - ध्यान का है हर प्राणी का सपना  दानव - दैत्य में हुआ रण लेने को अमृत कलसा उज्जैन , प्रयाग , नासिक ,हरिद्वार में तब अमृत कण बरसा  है संगम रेती , प्रयाग धाम में कल्पवास का सपना  ये दिव्य कुंभ है , भव्य कुंभ है , महाकुंभ है अपना इसमें स्नान - ध्यान का है हर प्राणी का सपना  संतों की भी भव्य कुंभ में होती स्नान की इच्छा  स्नान राजसी के हों साक्षी माॅंगे पुण्य की भिक्षा करें दान सत्संग करें सब देखें मोक्ष का सपना ये दिव्य कुंभ है , भव्य कुंभ है , महाकुंभ है अपना इ समें स्नान - ध्यान का है हर प्राणी का सपना ।।