दिव्य कुंभ

 ये दिव्य कुंभ है , भव्य कुंभ है , महाकुंभ है अपना

इसमें स्नान - ध्यान का है हर प्राणी का सपना 


दानव - दैत्य में हुआ रण लेने को अमृत कलसा

उज्जैन , प्रयाग , नासिक ,हरिद्वार में तब अमृत कण बरसा

 है संगम रेती , प्रयाग धाम में कल्पवास का सपना 


ये दिव्य कुंभ है , भव्य कुंभ है , महाकुंभ है अपना

इसमें स्नान - ध्यान का है हर प्राणी का सपना 


संतों की भी भव्य कुंभ में होती स्नान की इच्छा 

स्नान राजसी के हों साक्षी माॅंगे पुण्य की भिक्षा

करें दान सत्संग करें सब देखें मोक्ष का सपना


ये दिव्य कुंभ है , भव्य कुंभ है , महाकुंभ है अपना

समें स्नान - ध्यान का है हर प्राणी का सपना ।।






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