सर्वप्रथम हरितालिका तीज की बहुत,बहुत बधाई। लखनऊ में बिताए सारे त्यौहारों की बहुत अच्छी यादें हैं और हर त्यौहार से जुड़ी मजेदार घटना जिसको याद करके चेहरे पर मुस्कान ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता। जो घटना बताने वाली हूँ उससे आप सब के चेहरे पर भी मुस्कराहट आ जाएगी। मुझे बचपन से ही मेंहदी लगवाने का शौक रहा है।लेकिन मुझे मेंहदी रचती नहीं थी क्योंकि मेरे हाथ बहुत ठंडे रहते हैं।(मेंहदी रचने और ना रचने का संबंध पति या सास के चाहने या ना चाहने से बिल्कुल नहीं है।इसलिए अगर मेंहदी रच रही तो इस गफलत में ना रहे कि आपके पति आपसे बहुत प्यार करते हैं, उन पर निगाह रखिए😜) अब हाथ पहले से थोड़ा गरम रहने लगा है और मेंहदी कोन में केमिकल पड़ा होता है तो थोड़ा रच जाती है। सगाई और शादी पर मेरी भाभी की लड़की रिंकी और बहन महिमा ने बहुत मेहनत से बहुत सुन्दर मेंहदी लगाई थी लेकिन जब रिंकी सुबह -सुबह यह देखने आई कि मेंहदी कितनी रची है ? तब उसका पारा सातवें स्थान पर पहुँच गया बोली “आग लगे इस हाथ को,क्या करें कि रच जाए” वो अपना गुस्सा उतार रही थी और मैं किंकर्तव्यविमूढ़...