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Showing posts from August, 2022

कान्हा छठी गीत

 चलो मिल चलें सब नंद दुअरिया आज है उनके लल्ला की छठिया नंद गाँव में धूम मची है ढोलक संग शहनाई बजी है चलो मिल सब बजाए आएँ थलिया आज है उनके लल्ला की छठिया चलो मिल चलें सब नंद दुअरिया आज है उनके लल्ला की छठिया जसोदा देखें बन बावरिया पल पल उतारें उनकी नज़रिया चलो मिल सब दें उनको बधइया आज है उनके लल्ला की छठिया चलो मिल चलें सब नंद दुअरिया आज है उनके लल्ला की छठिया जसोदा लाएँ देखो मुरलिया नन्द लाएँ धेनु गइया चलो मिल सब दे उनको असिसिया   आज है उनके लल्ला की छठिया चलो मिल चलें सब नंद दुअरिया आज है उनके लल्ला की छठिया।

कृष्ण जन्म गीत

 देवकी का मनवा भारी कि काहे उन्हें लालन हुए है वहीं जसोदा हरसानी कि देखो उन्हें लालन हुए हैं देवकी रोवैं, वासु सोचैं  कइसे बचाएँ इहै प्राणवा काहे उन्हें लालन हुए हैं देवकी——— जसोदा झूमें नन्द हरसायें झूम-झूम सबको बताएँ कि देखो उन्हें लालन हुए हैं देवकी ———— मथुरा में छाई कैसी उदासी कंस का जियरा भी भारी कि काहे उन्हें लालन हुए हैं देवकी——- ननद गाँव में मची ख़ुशहाली गोपियाँ नाचैं बजाकर ताली की देखो उन्हें लालन हुए हैं देवकी——

स्वतंत्रता दिवस गीत

 ए पिया हमका दिल्ली घुमाय दा  दिल्ली घुमाय दा लाल क़िला दिखाय दा ए पिया हमका दिल्ली घुमाय दा सैंतालिस मा नेहरु लहराए तिरंगा उहै ऐतिहासिक किला दिखाए दा ए पिया हमका दिल्ली घुमाय दा मुक्ति कै ख़ातिर बापू दिए जनवा उहै राजघाट कै दरसन कराय दा ए पिया हमका दिल्ली घुमाय दा अमृत महोत्सव मनावत है देसवा मुखिया फहरावैं देखा तिरंगा उहै लहरावत तिरंगा दिखाय दा ए पिया हमका दिल्ली घुमाय दा

कजरी

 कि हरे रामा पिया बसे बिदेसवा नौकरिया बनी सौतनिया ना झिर-झिर बरसे सारी रतिया बदरिया घिर आई काली ना कि हरे——- दिनवा बीतै करत सारे कजवा कि रतिया कइसे बीतै ना कइसे जाइब हम मंदिरवा फिकिरिया भारी भइले ना कि हरे——- सासू - ननदी मारे तनवा कि देवरा बोले बोलिया ना कइसे ढारब भोले के जलवा कि पिया बसे बिदेसवा ना कि हरे——-