रुनझुन
मेरी पायल की रुनझुन सुन
तुम्हारा विकल होना
मन मोह लेता है ।
और विकल हो मेरी ओर
नन्हे कदमों से दौड़कर आना
मन मोह लेता है ।
मात्र तुम सब ही
विकल होते हो
यह कहना अनुचित होगा
तुम्हारे दीदार को तो
मैं भी विकल होती हूँ
अनमनी होने पर भी दौड़ी चली आती हूँ
ज्ञात नहीं कब तक है संग हमारा
अलबत्ता हम दोनों का
विकल होना मन मोह लेता है।
जिस पल हम दोनों संग हो
उस पल को बारम्बार
जी लेने का मोह होता है
मेरी पायल की रुनझुन सुन
तुम्हारा विकल होना
मन मोह लेता है।
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